राजा की रानी

305 भाग

48 बार पढा गया

0 पसंद किया गया

राजलक्ष्मी हँसकर जवाब देती है, “तुम्हारा क्या नुकसान हुआ? नहीं सोने पर भी तो ये तुम्हारी पाठशाला के बछड़ों को चराने नहीं जायेंगे!” “देखता हूँ कि दीदी इन्हें मिट्टी कर देंगी।” ...

अध्याय

×